Swami Premanand Ji Maharaj

स्वामी प्रेमानंद जी महाराज का आध्यात्मिक मार्गदर्शन

स्वामी प्रेमानंद जी महाराज, जिनका जन्म 1972 में कानपुर के अखरी गाँव में हुआ, एक अत्यन्त प्रतिष्ठित संत और भक्ति मार्ग के दिव्य मार्गदर्शक हैं। स्वामी जी का जीवन तप, त्याग, और आत्म-समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने 13 वर्ष की आयु में घर छोड़कर संत जीवन की ओर कदम बढ़ाया और श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज के रूप में एक महान गुरु का रूप लिया, जिन्हें उनके अनुयायी प्रेमानंद के नाम से जानते हैं।

स्वामी प्रेमानंद जी महाराज का उपदेश और शिक्षाएँ जीवन के हर क्षेत्र में सुधार और आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम बन सकती हैं। उनका उद्देश्य केवल भक्ति नहीं, बल्कि समाज की सेवा और आत्मा की सच्ची पहचान है।

premanand ji maharaj blessings

स्वामी प्रेमानंद जी महाराज के उपदेश

स्वामी जी के उपदेश जीवन को सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। उनके उपदेशों में भक्ति, कर्म, साधना, और संसारिक जीवन में संतुलन बनाने की महत्वपूर्ण बातें शामिल हैं। स्वामी जी के उपदेश हमें भगवान के प्रति निष्ठा, प्रेम और एकात्मता का अहसास कराते हैं।

उमा कहउँ मैं अनुभव अपना।
सत हरि भजन जगत् सब सपना ||

जोई जोई प्यारो करे सोई मोहि भावे,

भावे मोहि जोई सोई सोई करे प्यारे |   

 मोको तो भावती ठौर प्यारे के नैनन में,

प्यारो भयो चाहे मेरे नैनन के तारे ||  

 मेरे तन मन प्राण हु ते प्रीतम प्रिय,

अपने कोटिक प्राण प्रीतम मोसो हारे |  

 जय श्रीहित हरिवंश हंस हंसिनी सांवल गौर,

कहो कौन करे जल तरंगिनी न्यारे || 

जोई जोई प्यारो करे सोई मोहि भावे,

भावे मोहि जोई सोई सोई करे प्यारे |   

 मोको तो भावती ठौर प्यारे के नैनन में,

प्यारो भयो चाहे मेरे नैनन के तारे ||  

 मेरे तन मन प्राण हु ते प्रीतम प्रिय,

अपने कोटिक प्राण प्रीतम मोसो हारे |  

 जय श्रीहित हरिवंश हंस हंसिनी सांवल गौर,

कहो कौन करे जल तरंगिनी न्यारे || 

स्वामी प्रेमानंद जी महाराज की शिक्षाएँ

स्वामी जी की शिक्षाएँ आत्मा के परम उद्देश्य की ओर मार्गदर्शन करती हैं। इन शिक्षाओं में निम्नलिखित मुख्य पहलु शामिल हैं:

  • भक्ति: भगवान के प्रति अनन्य प्रेम और भक्ति का महत्व।
  • कर्म: अच्छे कर्म करने का महत्व और उनका फल।
  • आध्यात्मिक साधना: ध्यान और साधना के माध्यम से आत्मज्ञान प्राप्त करना।
  • जीवन में संतुलन: संसारिक जिम्मेदारियों और आध्यात्मिक जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना।

एकांतिक संवाद (एकांतिक वार्ता)

स्वामी जी के “एकांतिक वार्ता” में उन दिव्य अनुभवों और भक्ति के संदेशों का वर्णन होता है जो वे अपने शिष्यों से साझा करते हैं। ये वार्ताएँ व्यक्ति को आत्मज्ञान की ओर प्रेरित करती हैं और जीवन को एक नई दिशा देती हैं।

हमारे ब्लॉग में पढ़ें

हमारे ब्लॉग में आप स्वामी प्रेमानंद जी महाराज के उपदेश, शिक्षाएँ, और उनके द्वारा की गई एकांतिक वार्ताएँ पढ़ सकते हैं। यहाँ आपको जीवन के हर पहलु पर गहन विचार और मार्गदर्शन मिलेगा, जो आपके जीवन को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से समृद्ध बनाएगा।