प्रेमानंद जी महाराज की दिनचर्या क्या है? (Premanand Ji Maharaj ki dincharya kya hai?)

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प्रेमानंद जी महाराज, जो वृंदावन के प्रसिद्ध संत और राधा रानी के परम भक्त हैं, अपनी सरलता और भक्ति के लिए जाने जाते हैं। उनका जीवन पूरी तरह से राधा रानी के भक्ति में समर्पित है। उनकी दिनचर्या का उद्देश्य न केवल भक्ति को जीवन का हिस्सा बनाना है, बल्कि हर व्यक्ति को ईश्वर के करीब लाने के लिए उनका मार्गदर्शन करना भी है। इस लेख में हम प्रेमानंद जी महाराज की दिनचर्या, उनके स्वास्थ्य की स्थिति, और उनके आहार के बारे में विस्तार से जानेंगे।

Premanand Ji Maharaj ki dincharya radha nanm jaap

प्रेमानंद जी महाराज कितने बजे उठते हैं?

प्रेमानंद जी महाराज का दिन सुबह लगभग 1:30 बजे शुरू होता है। वे अपनी दिनचर्या की शुरुआत राधा रानी के नाम स्मरण से करते हैं। इसके बाद वे अपनी नित्य क्रियाओं में जुट जाते हैं। महाराज जी का दिन बहुत व्यस्त और अनुशासित होता है। 2 बजे के करीब वे वन विहार के लिए निकलते हैं और सुबह 4:15 बजे से अपना सत्संग शुरू करते हैं, जो लगभग 9:15 बजे तक चलता है।

प्रेमानंद जी महाराज की दिनचर्या का विवरण

प्रेमानंद जी महाराज की दिनचर्या अत्यंत सुसंगत और अनुशासित है। वे दिन में कम सोते हैं और अधिकतर समय भक्ति और सेवा में लगाते हैं। उनके दिन की शुरुआत तड़के 1:30 बजे होती है, और वे सुबह के समय में राधा रानी की पूजा और परिक्रमा करते हैं। इसके बाद वे 4:15 बजे से अपने भक्तों के साथ सत्संग करते हैं।

महाराज जी का आहार बहुत साधारण होता है। वे अपनी बीमारी के कारण मुश्किल से एक या डेढ़ रोटी और थोड़ी सी सब्जी खाते हैं। इसके बाद वे हफ्ते में 3 दिन डायलिसिस के लिए जाते हैं, जो उन्हें लगभग 4 घंटे का समय लेता है। उनकी किडनियां पिछले 19 वर्षों से खराब हैं, लेकिन वे फिर भी अपनी भक्ति और दिनचर्या को निष्ठा से निभाते हैं। डायलिसिस के कारण उनका शरीर कमजोर हो जाता है, लेकिन वे इसे अपनी सेवा और भक्ति की राह में कोई अड़चन नहीं मानते।

रात में, वे केवल 3 घंटे ही सोते हैं और यदि नींद आ जाती है तो ठीक है, अन्यथा वे राधा रानी के नाम में लीन रहते हैं। उनका कहना है कि राधा रानी का नाम ही उनके शरीर की ऊर्जा है, जो उन्हें हर पीड़ा और बीमारी से जूझने की शक्ति देता है।

Premanand Ji Maharaj ki dincharya

प्रेमानंद जी महाराज क्या खाते हैं?

प्रेमानंद जी महाराज के आहार में बहुत अधिक पके हुए खाद्य पदार्थ नहीं होते। उनका आहार बहुत साधारण है, जिसमें आधी रोटी और थोड़ी सी सब्जी शामिल होती है। उनकी बीमारी के कारण वे बहुत कम खाते हैं, और डायलिसिस के बाद उनकी शारीरिक स्थिति ऐसी होती है कि वे और भी कम खाते हैं। उनके अनुसार, डायलिसिस के कारण उनका शरीर बहुत कमजोर हो जाता है, और वे कम पानी पीते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज कितने घंटे सोते हैं?

प्रेमानंद जी महाराज की नींद का समय बहुत कम है। वे दिन में केवल 3 घंटे सोते हैं। उनका कहना है कि राधा रानी का नाम ही उनके अंदर ऊर्जा का स्रोत है, और यही वजह है कि उन्हें कम सोने के बावजूद भी शारीरिक थकावट का अनुभव नहीं होता। उनका विश्वास है कि भक्ति और संतोष से शरीर की सारी थकान दूर हो जाती है।

FAQ

प्रेमानंद जी महाराज का दिन सुबह 1:30 बजे शुरू होता है। वे अपनी दिनचर्या की शुरुआत राधा रानी के नाम स्मरण से करते हैं और फिर अपनी नित्य क्रियाओं में व्यस्त रहते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज का आश्रम वृंदावन में स्थित है। यदि आप आश्रम जाना चाहते हैं, तो यह राधा केलीकुंज के पास है। यहां आने के लिए आप दिल्ली से बस, ट्रेन या टैक्सी द्वारा वृंदावन पहुंच सकते हैं। आश्रम में दैनिक सत्संग और भक्ति गतिविधियाँ होती हैं, जिनमें आप शामिल हो सकते हैं। आप वेबसाइट पर भी आश्रम का स्थान और समय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज की प्रसिद्धि उनके जीवन के साधना, भक्ति, और मानवता की सेवा से जुड़ी हुई है। वे अपने प्रवचनों और सत्संग के माध्यम से लाखों लोगों को आत्मज्ञान और भक्ति की राह पर मार्गदर्शन करते हैं। उनके जीवन में श्रद्धा और भक्ति का अद्वितीय उदाहरण है, जो उन्हें प्रसिद्धि दिलाता है।

प्रेमानंद जी महाराज का आश्रम वृंदावन के राधा केलीकुंज में स्थित है, जहां वे नियमित रूप से सत्संग और भक्ति साधना करते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज का आहार बहुत साधारण होता है। वे अपनी बीमारी के कारण कम खाते हैं, जिसमें आधी रोटी और कुछ सब्जी शामिल होती है। वे बहुत कम पानी पीते हैं और डायलिसिस के कारण उनका शारीरिक स्वास्थ्य कमजोर रहता है।

प्रेमानंद जी महाराज की दिनचर्या बहुत अनुशासित और साधारण है। वे दिन में केवल 3 घंटे सोते हैं और अधिकांश समय भक्ति, सत्संग, और पूजा में व्यस्त रहते हैं। उनका दिन 1:30 बजे से शुरू होता है और रात को 8 बजे के बाद सोते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज दिन में केवल 3 घंटे सोते हैं। वे मानते हैं कि राधा रानी का नाम ही उनके शरीर को ऊर्जा देता है, और यही कारण है कि वे कम सोने के बावजूद भी स्वस्थ रहते हैं

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