आचार्य प्रशांत की जीवनी | Acharya Prashant Biography in Hindi

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आचार्य प्रशांत का नाम आजकल आध्यात्मिकता, वेदांत और जीवन के गहरे सिद्धांतों के क्षेत्र में बड़े सम्मान से लिया जाता है। उनका जन्म 7 मार्च 1978 को आगरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था। आज वे एक प्रसिद्ध लेखक, दार्शनिक और अद्वैत वेदांत के शिक्षक के रूप में जाने जाते हैं। आचार्य प्रशांत का जीवन संघर्ष और आत्म-जागरूकता से भरा हुआ है, जो लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना है। आइए जानते हैं उनके जीवन, करियर और व्यक्तिगत जीवन के बारे में विस्तार से।

Acharya Prashant with a book on MAYA and spiritual philosophy

आचार्य प्रशांत कौन हैं?

आचार्य प्रशांत (Prashant Tripathi) एक भारतीय लेखक, दार्शनिक और आध्यात्मिक गुरु हैं। वे ‘प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन’ (Prashant Advait Foundation) के संस्थापक भी हैं। उनका मुख्य उद्देश्य लोगों को आत्म-जागरूकता और जीवन के गहरे सत्य को समझाने में मदद करना है। आचार्य प्रशांत 17 प्रकार की गीता और 60 उपनिषदों पर गहरी विद्वता रखते हैं। वे स्वयं को एक साधक के रूप में जीवन जीते हैं और दूसरों को भी यही मार्ग दिखाने का प्रयास करते हैं।

आचार्य प्रशांत का जन्म और परिवार

आचार्य प्रशांत का जन्म 7 मार्च 1978 को आगरा, उत्तर प्रदेश में हुआ। उनके पिता का नाम गौरीशंकर था, जो एक सरकारी अधिकारी थे, और मां का नाम सावित्री था, जो एक गृहिणी थीं। आचार्य प्रशांत के परिवार में तीन बच्चे थे, और वे सबसे बड़े थे। उनका परिवार बहुत ही साधारण था, लेकिन बचपन से ही आचार्य प्रशांत में एक असाधारण सोच और जीवन के प्रति गहरी जिज्ञासा थी।

वैवाहिक स्थिति: आचार्य प्रशांत ने कभी विवाह नहीं किया है। उनका जीवन पूरी तरह से साधना और समाज सेवा में समर्पित है। वे मानते हैं कि आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए व्यक्ति का जीवन सरल और ध्यानमग्न होना चाहिए।

आचार्य प्रशांत की शिक्षा

आचार्य प्रशांत का शैक्षिक सफर बहुत ही प्रेरणादायक है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के स्कूलों से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली से बीटेक की डिग्री प्राप्त की। आचार्य प्रशांत का उद्देश्य कभी भी एक इंजीनियर बनना नहीं था, बल्कि उन्होंने हमेशा जीवन के गहरे अर्थ को समझने का प्रयास किया। इसके बाद उन्होंने IIM Ahmedabad से पोस्ट-ग्रेजुएशन (MBA) किया। इसके बाद, उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की परीक्षा भी उत्तीर्ण की और 184वीं रैंक प्राप्त की।

आचार्य प्रशांत का करियर

आचार्य प्रशांत ने पहले GE Capital, ECS Private Limited और Benett Coleman & Co. Ltd. जैसी कंपनियों में कार्य किया। लेकिन उनका दिल हमेशा जीवन के गहरे अर्थ की खोज में था। 2006 में उन्होंने अपनी Advait Life Education की शुरुआत की, जहां उन्होंने छात्रों को आत्म-जागरूकता और जीवन के वास्तविक उद्देश्य के बारे में सिखाना शुरू किया।

आचार्य प्रशांत ने 2015 में प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन की स्थापना की, जिसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को गहरे आध्यात्मिक ज्ञान और जीवन के सच्चे उद्देश्य से अवगत कराना है। इसके माध्यम से, वे दुनिया भर में आत्म-जागरूकता के साथ-साथ वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण को फैलाने का कार्य कर रहे हैं।

आचार्य प्रशांत की किताबें

आचार्य प्रशांत ने 85 से अधिक किताबें लिखी हैं, जिनमें उनकी सबसे प्रसिद्ध किताब “कर्म: जो आप जानते हैं, वह गलत है” है। इसके अलावा, उन्होंने “अद्वैत इन एवरीडे लाइफ”, “कर्मयोग”, और “घर-घर उपनिषद” जैसी किताबें भी लिखी हैं, जो जीवन के गहरे दार्शनिक पहलुओं को समझाती हैं।

आचार्य प्रशांत के विचार

आचार्य प्रशांत का मानना है कि आजकल समाज में जो भ्रम और तनाव है, उसका कारण आत्म-ज्ञान की कमी है। उनका मानना है कि जब तक व्यक्ति अपने भीतर की सच्चाई को नहीं समझता, तब तक वह बाहर की दुनिया में सच्चे सुख और शांति का अनुभव नहीं कर सकता। उनके शिक्षाएँ न केवल जीवन को समझने का एक नया दृष्टिकोण देती हैं, बल्कि यह व्यक्ति को आध्यात्मिक जागरूकता की ओर भी प्रेरित करती हैं।

आचार्य प्रशांत का सोशल मीडिया और प्रसार

आचार्य प्रशांत के विचारों का प्रसार आजकल सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से हो रहा है। उनके यूट्यूब चैनल पर लाखों लोग उनके वीडियोज़ और लाइव सेशन देखते हैं। उनके पास 15 मिलियन से अधिक यूट्यूब सब्सक्राइबर्स हैं और वे फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्म पर भी सक्रिय हैं। उनके विचार लाखों लोगों तक पहुँचते हैं, और वे हमेशा लोगों को सच्चे ज्ञान की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।

आचार्य प्रशांत के पुरस्कार

आचार्य प्रशांत को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें PETA इंडिया द्वारा “Most Influential Vegan of the Year” का पुरस्कार मिला था। इसके अलावा, उन्होंने “Karya Siddhi Award” और कई अन्य पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं।

निष्कर्ष

आचार्य प्रशांत का जीवन हमें यह सिखाता है कि सही मार्ग पर चलने के लिए अपने अंदर की सत्यता को पहचानना जरूरी है। उन्होंने न केवल आध्यात्मिकता के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है, बल्कि अपने कार्यों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का भी प्रयास किया है। उनकी शिक्षाएँ आज के युवा वर्ग के लिए बेहद प्रेरणादायक हैं। अगर आप भी आचार्य प्रशांत से जुड़ना चाहते हैं और उनके ज्ञान का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आप उनके यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया प्रोफाइल पर जाकर उनके विचारों को गहराई से समझ सकते हैं।

FAQs about Acharya Prashant (आचार्य प्रशांत से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

1. आचार्य प्रशांत का जन्म कब हुआ था?

आचार्य प्रशांत का जन्म 7 मार्च 1978 को हुआ था।

2. आचार्य प्रशांत के परिवार में कौन-कौन हैं?

आचार्य प्रशांत के पिता का नाम गौरीशंकर है, जो एक सरकारी अधिकारी थे, और मां का नाम सावित्री था, जो गृहिणी थीं। वे तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं।

3. आचार्य प्रशांत ने कौन-कौन सी किताबें लिखी हैं?

आचार्य प्रशांत ने “कर्म: जो आप जानते हैं, वह गलत है”, “अद्वैत इन एवरीडे लाइफ”, “कर्मयोग”, “घर-घर उपनिषद” जैसी प्रसिद्ध किताबें लिखी हैं।

4. आचार्य प्रशांत का उद्देश्य क्या है?

आचार्य प्रशांत का उद्देश्य लोगों को आत्म-जागरूकता, आध्यात्मिकता और जीवन के सही उद्देश्य की दिशा में मार्गदर्शन करना है।

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