भक्ति और साधना को क्यों छुपाना चाहिए? – स्वामी प्रेमानंद जी महाराज का दृष्टिकोण

भक्ति और साधना को क्यों छुपाना चाहिए - स्वामी प्रेमानंद जी महाराज की शिक्षा

भक्ति और साधना हमारे जीवन की सबसे पवित्र और निजी अनुभूति होती है। यह आत्मा और परमात्मा के बीच एक गुप्त संवाद है। लेकिन आजकल बहुत से लोग इस सवाल से जूझते हैं – क्या लोगों से अपनी भक्ति और साधना को छुपाना चाहिए? इस विषय पर स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने कई बार गहराई … Read more

कितने नाम जप से क्या होता है – श्री प्रेमानंद जी महाराज की अमृत वाणी

kitne naam jap se kya hota hai by premanand ji maharaj

सनातन धर्म में हरि नाम का जप अत्यंत शक्तिशाली साधना मानी जाती है। श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज ने नाम जप के महत्व को सहज भाषा में समझाया है कि कितने नाम जपने से साधक को कौन-कौन से लाभ प्राप्त होते हैं। यह लेख उसी अमृतवाणी पर आधारित है, जो जीवन को बदलने … Read more

संतों की महिमा – स्वामी प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचनों के आधार पर

Group of saints engaged in satsang and devotional discussion

भारतीय संस्कृति में संतों का विशेष स्थान रहा है। संत न केवल समाज को आध्यात्मिक दिशा दिखाते हैं, बल्कि अपने जीवन से आदर्श भी प्रस्तुत करते हैं। स्वामी प्रेमानंद जी महाराज, जिनकी वाणी और प्रवचन करोड़ों लोगों को आत्मिक शांति और भक्ति की प्रेरणा देते हैं, उन्होंने संतों की महिमा को अपने प्रवचनों में अत्यंत … Read more

🏡 गृहस्थ जीवन में भक्ति कैसे करें? – स्वामी प्रेमानंद जी महाराज की सरल सलाह

गृहस्थ जीवन में भक्ति करता हुआ भारतीय परिवार | स्वामी प्रेमानंद जी महाराज के चित्र के सामने

भक्ति केवल जंगलों, पर्वतों या आश्रमों तक सीमित नहीं है। स्वामी प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, गृहस्थ जीवन (परिवार के साथ सामान्य जीवन) में भी सच्ची भक्ति करना न केवल संभव है, बल्कि बहुत पुण्यदायी भी होता है। 🧘‍♀️ 1. अपने कर्तव्यों को भक्ति भाव से करें स्वामी जी कहते हैं, “गृहस्थ अपने परिवार का … Read more

वैराग्य बनाम गृहस्थ जीवन: प्रेमानंद जी महाराज की आध्यात्मिक मार्गदर्शन

वैराग्य बनाम गृहस्थ जीवन: प्रेमानंद जी महाराज की आध्यात्मिक मार्गदर्शन

प्रेमानंद जी महाराज के उपदेशों में वैराग्य और गृहस्थ जीवन के विषय में एक गहरी समझ और सामंजस्य है। यह प्रवचन हमारे जीवन के दो महत्वपूर्ण पहलुओं – वैराग्य (त्याग) और गृहस्थ जीवन (परिवारिक जिम्मेदारियां) को समझने में मदद करते हैं। महाराज जी के अनुसार, दोनों मार्ग एक-दूसरे के विरोधी नहीं हैं, बल्कि दोनों का … Read more

भक्ति और कर्तव्य: स्वामी प्रेमानंद जी महाराज की शिक्षाएँ

स्वामी प्रेमानंद जी की भक्ति और कर्तव्य पर शिक्षा

स्वामी प्रेमानंद जी महाराज की शिक्षाएँ हमें जीवन में भक्ति, कर्तव्य और परिवार के बीच संतुलन बनाने की प्रेरणा देती हैं। एक सच्चे भक्त के लिए भक्ति और कर्तव्य दोनों को समान रूप से निभाना संभव है। यह समझाने के लिए महाराज जी ने एक बहुत सुंदर उदाहरण दिया है, जिसमें उन्होंने बताया कि भक्ति … Read more

प्रेमानंद जी महाराज का होली पर उपदेश: शराब पीने वालों को यह सुनकर आएगी शर्म!

होली रंगों का पर्व है, जो खुशी, एकता और भक्ति का प्रतीक है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, होली का असली उद्देश्य नशे और अव्यवस्था से ढकता जा रहा है। इस पर, संत श्री प्रेमानंद जी महाराज ने अपना शक्तिशाली संदेश दिया है, जिसमें उन्होंने होली के इस त्यौहार को बिना नशे के, पूरी भक्ति … Read more

कैसे प्राप्त करें श्री प्रेमानंद महाराज जी से मिलने के लिए टोकन – पूरी जानकारी

श्री प्रेमानंद महाराज जी के दर्शन और एकांतिक वार्तालाप के लिए टोकन प्राप्त करने की प्रक्रिया।

अगर आप श्री प्रेमानंद महाराज जी के दर्शन करना चाहते हैं या एकांतिक वार्तालाप (Ekantik Vartalaap), सत्संग (Satsang), या एकांतिक दर्शन (Ekantik Darshan) में भाग लेना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको इन आयोजनों के लिए टोकन प्राप्त करना आवश्यक है। इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि आप कैसे श्री प्रेमानंद महाराज … Read more

प्रेमानंद जी महाराज के अनमोल वचन: पाप और पुण्य की समझ

प्रेमानंद जी महाराज के अनमोल वचन और पाप से मुक्ति का महत्व

प्रेमानंद जी महाराज, एक महान संत और विचारक हैं जिनकी शिक्षा जीवन के सही मार्ग को समझने और उसे अपनाने में मदद करती है। उनका जीवन दर्शन और उनके अनमोल वचन हमें जीवन के सत्य को जानने की प्रेरणा देते हैं। प्रेमानंद जी महाराज का मानना था कि जीवन में सबसे महत्वपूर्ण काम अपने पापों … Read more

स्वयं पर नियंत्रण (Tapasya) करने के 7 आध्यात्मिक लाभ

तपस्या और आत्म-नियंत्रण के लाभ

स्वयं पर नियंत्रण, जिसे संस्कृत में तपस्या (Tapasya) कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अभ्यास है। यह शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्तर पर शक्ति और साधना की ओर अग्रसर होने का मार्ग है। तपस्या का अर्थ केवल कठोर साधना या उपवास नहीं है, बल्कि यह आत्म-नियंत्रण, समर्पण और तप की साधना को संदर्भित करता है। … Read more

10 easy-to-find indoor plants गजेन्द्र मोक्ष पाठ: Benefits प्याज लहसुन खाना पाप नहीं है, फिर भी क्यों मना करते हैं? – प्रेमाानंद जी महाराज का स्पष्ट उत्तर Bajrang Baan Roz Padh Sakte Hai Ya Nahi?: Premanand Ji Maharaj Ne Bataya क्या नामजप करते समय मन कहीं और जाए तो भी मिलेगा समान फल?