देवी चित्रलेखा जी भारत की सबसे कम उम्र की आध्यात्मिक कथावाचिकाओं में से एक हैं, जिन्होंने छोटी सी उम्र में ही “भगवद कथा” और “प्रवचन” देना शुरू कर दिया था। अपनी सुंदर वाणी और प्रेरणादायक विचारों से उन्होंने न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी लाखों लोगों का दिल जीता है। “देवी चित्रलेखा Wikipedia” जैसे शब्दों से लोग गूगल पर अक्सर उनके बारे में जानकारी खोजते हैं। हालांकि विकिपीडिया पर उनके बारे में कोई लेख उपलब्ध नहीं है, इस लेख में हम देवी चित्रलेखा के जीवन के प्रमुख पहलुओं को संक्षेप में प्रस्तुत करेंगे, जिससे आप जान सकेंगे कि वे कौन हैं और उन्होंने इतनी कम उम्र में आध्यात्मिक क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई।
देवी चित्रलेखा का प्रारंभिक जीवन
देवी चित्रलेखा का जन्म 19 जनवरी 1997 को हरियाणा के पलवल जिले के खंबी गांव में हुआ था। वे एक ब्राह्मण परिवार में जन्मी थीं, जहां धार्मिक और आध्यात्मिक विचारों का खासा प्रभाव था। उनकी माता का नाम चमेली देवी और पिता का नाम तुकाराम शर्मा था। उनके दादा-दादी भी धार्मिक क्रियाओं में सक्रिय रहते थे, जो देवी चित्रलेखा के जीवन को दिशा देने में सहायक बने।
उनकी छोटी उम्र में ही कुछ संतों ने यह भविष्यवाणी की थी कि वे एक महान आध्यात्मिक शख्सियत बनेंगी। जब देवी चित्रलेखा मात्र 4 साल की थीं, तब उन्हें बंगाली संत श्री गिरधारी बाबा से दीक्षा मिली और वे “गौडीय वैष्णव धर्म” के अनुयायी बन गईं।
आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत
जब देवी चित्रलेखा 6 साल की थीं, तब वे अपने माता-पिता के साथ ब्रज क्षेत्र के प्रसिद्ध संत रमेश बाबा के सत्संग में शामिल हुईं। सत्संग के दौरान, रमेश बाबा ने उन्हें माइक देकर प्रवचन देने का अवसर दिया। इस अवसर पर देवी चित्रलेखा ने आधे घंटे तक भगवद गीता और कृष्ण की उपदेशों पर बात की, जिसे सुनकर वहां मौजूद सभी लोग आश्चर्यचकित हो गए।
इसके बाद, उनके गुरु ने वृंदावन के पास स्थित तपोवन में उनकी पहली 7 दिवसीय श्री भागवत कथा का आयोजन किया। हालांकि देवी चित्रलेखा के माता-पिता को इस बात का संदेह था कि वे इतनी लंबी कथा कर पाएंगी, लेकिन उनके गुरु जी को पूरी तरह से विश्वास था कि यह कथा सफल होगी। और सच में, उनकी कथा ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कथावाचन और संगीत में माहिर
देवी चित्रलेखा को न केवल भगवद कथा का वाचन करने की विशेषता प्राप्त है, बल्कि वे हारमोनियम बजाने और भजनों का गायन करने में भी कुशल हैं। उन्होंने अपनी कथा और भजन की प्रस्तुतियों में हारमोनियम को मुख्य रूप से इस्तेमाल किया है। उनकी एक प्रसिद्ध भक्ति रचना “मेरि कृपा” को लाखों लोग पसंद करते हैं।
समाज सेवा और विवाह
देवी चित्रलेखा का जीवन केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि समाज सेवा का भी आदर्श है। 2013 में उन्होंने हरियाणा के पलवल में “गौ सेवा धाम अस्पताल” की स्थापना की, जो घायल और बेसहारा गायों का इलाज करता है। वे गायों की सेवा में भी सक्रिय रहती हैं और इस कार्य को अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा मानती हैं।
देवी चित्रलेखा ने 23 मई 2017 को महज 20 साल की उम्र में गौ सेवा धाम अस्पताल में शादी की। उनके पति का नाम माधव प्रभु है, जो छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के रहने वाले हैं। उनके विवाह समारोह में परंपरागत रीति-रिवाजों का पालन किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय पहचान
देवी चित्रलेखा जी ने भारत के अलावा अमेरिका, इंग्लैंड, अफ्रीका और अन्य देशों में भी अपने धार्मिक प्रवचन दिए हैं। उनका यूट्यूब चैनल भी है, जिस पर लाखों लोग उनके भजन, कथा और प्रेरणादायक विचारों को सुनते हैं। उन्होंने “हरे कृष्ण महा मंत्र” और “राधा कृष्ण” के प्रति अपने प्रेम और भक्ति का प्रचार किया है, जो उनके जीवन का उद्देश्य है।
देवी चित्रलेखा की दिलचस्प बातें
- वे हारमोनियम बजाने में माहिर हैं और इसे भजन-कीर्तन में इस्तेमाल करती हैं।
- उनका प्रिय भजन “मेरि कृपा” बहुत प्रसिद्ध है।
- देवी चित्रलेखा ने अपनी शादी के बाद भी पारंपरिक भारतीय विवाह रीति-रिवाजों से थोड़ा हटकर सफेद वस्त्र पहनकर विवाह किया, जिससे कुछ विवाद भी हुआ।
- उनकी विवाह यात्रा गौ सेवा धाम अस्पताल में हुई, जहां उन्होंने जीवन भर गौ सेवा के कार्य में भाग लेने का संकल्प लिया।
देवी चित्रलेखा का नेट वर्थ
देवी चित्रलेखा का नेट वर्थ लगभग 13 करोड़ रुपये है। उनका यूट्यूब चैनल, प्रवचन, और अन्य धर्मिक कार्यों के जरिए उनकी आय का प्रमुख स्रोत है।
निष्कर्ष
देवी चित्रलेखा जी की जीवन यात्रा एक प्रेरणा का स्त्रोत है। उन्होंने अपनी आध्यात्मिक शिक्षा और कार्यों के माध्यम से लाखों लोगों का मार्गदर्शन किया है और उनके जीवन की यह प्रेरक कथा सभी को एक अच्छा संदेश देती है। भक्ति, समर्पण, और प्रेम के साथ, उन्होंने अपनी पहचान बनाई है और भविष्य में भी उनके कार्यों से कई लोग प्रेरित होंगे।
FAQ – देवी चित्रलेखा
1. देवी चित्रलेखा कौन हैं?
देवी चित्रलेखा एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक कथावाचिका हैं जो अपने प्रेरणादायक प्रवचनों और भगवद गीता के पाठ से दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। वे महज 6 साल की उम्र में कथा वाचन करने लगी थीं।
2. देवी चित्रलेखा ने कितनी उम्र में भगवद कथा वाचन शुरू किया था?
देवी चित्रलेखा ने केवल 6 साल की उम्र में भगवद कथा वाचन शुरू किया था। उनके अद्भुत प्रवचन सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते थे।
3. देवी चित्रलेखा का विवाह किससे हुआ है?
देवी चित्रलेखा ने 23 मई 2017 को हरियाणा के पलवल स्थित गौ सेवा धाम अस्पताल में माधव प्रभु से विवाह किया था।
4. देवी चित्रलेखा का नेट वर्थ कितना है?
देवी चित्रलेखा का अनुमानित नेट वर्थ 1.8 मिलियन डॉलर है। वह एक यूट्यूबर, कथावाचिका और प्रेरणादायक वक्ता के रूप में जानी जाती हैं।
5. देवी चित्रलेखा का उद्देश्य क्या है?
देवी चित्रलेखा का जीवन का उद्देश्य “हरे कृष्ण महा मंत्र” का प्रचार-प्रसार करना है और पूरी दुनिया में भगवान श्री कृष्ण और राधा के नाम का कीर्तन करना है।