भारत में गाय को माँ का दर्जा दिया गया है। गाय का दूध, दही, घी, गोबर और गोमूत्र – ये सभी पंचगव्य के रूप में आयुर्वेद में उपयोग किए जाते हैं। गोमूत्र, यानी गाय का मूत्र, एक प्राकृतिक औषधि है जिसे हजारों सालों से विभिन्न रोगों के इलाज में प्रयोग किया जा रहा है।
गोमूत्र के मुख्य फायदे:

1. शरीर को डिटॉक्स करता है
गोमूत्र शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह लीवर और किडनी को साफ करने का काम करता है।
2. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जिससे सर्दी-जुकाम, बुखार जैसे आम रोगों से बचाव होता है।
3. पाचन तंत्र को सुधारता है
गोमूत्र के सेवन से पाचन क्रिया ठीक होती है। गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
4. डायबिटीज में लाभकारी
गोमूत्र ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक होता है। कुछ शोधों के अनुसार यह इंसुलिन के स्तर को संतुलित कर सकता है।

5. त्वचा रोगों में फायदेमंद
फोड़े, फुंसी, एक्जिमा और अन्य त्वचा रोगों में गोमूत्र लगाने से आराम मिलता है।
6. कैंसर रोधी गुण
कुछ आयुर्वेदिक चिकित्सक मानते हैं कि गोमूत्र में कैंसर से लड़ने वाले गुण होते हैं। हालांकि इसके लिए और अधिक वैज्ञानिक रिसर्च की आवश्यकता है।
7. वजन कम करने में मददगार
गोमूत्र चयापचय (मेटाबोलिज्म) को तेज करता है, जिससे शरीर में जमा फैट धीरे-धीरे कम होने लगता है।
गोमूत्र का सेवन कैसे करें?
- सुबह खाली पेट 5 से 10 मि.ली. गोमूत्र सेवन करें।
- इसे शुद्ध और देसी गाय का होना चाहिए।
- यदि स्वाद की समस्या हो, तो इसे हल्के गुनगुने पानी या शहद के साथ मिलाकर पी सकते हैं।
सावधानियाँ:
- केवल देसी गाय का गोमूत्र ही औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
- गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोगियों को डॉक्टर की सलाह से ही सेवन करना चाहिए।
- अत्यधिक मात्रा में सेवन से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है।
निष्कर्ष:
गोमूत्र एक प्राकृतिक चिकित्सा का माध्यम है। यदि इसे सही मात्रा और सही तरीके से लिया जाए, तो यह कई रोगों से बचाव और उपचार में सहायक हो सकता है। आयुर्वेद में इसकी विशेष भूमिका रही है और आधुनिक विज्ञान भी अब इसके लाभों पर शोध कर रहा है।