आईआईटी बॉम्बे वाले बाबा अभय सिंह: इंजीनियरिंग से साधु बनने तक की अनोखी यात्रा

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महाकुंभ में चर्चा का विषय बने आईआईटी बॉम्बे के अभय सिंह, जिनकी कहानी अब देशभर में वायरल हो चुकी है। एक एयरोस्पेस इंजीनियर से लेकर एक साधु बनने तक की यात्रा ने उन्हें लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया। आइए जानते हैं उनकी जिंदगी की उन अनकही बातों के बारे में, जो उन्होंने अपने फैसलों के जरिए दुनिया को दिखाई।

अभय सिंह: आईआईटी बॉम्बे का होशियार छात्र

अभय सिंह का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के छोटे से गांव सासरौली में हुआ था। बचपन से ही वह पढ़ाई में अव्‍ल होते हुए आईआईटी की तैयारी में जुटे। अपने मेहनत और समर्पण के चलते उन्होंने आईआईटी बॉम्बे में एडमिशन लिया और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। अभय के जीवन में एक और खास मोड़ आया जब उन्हें एक प्रमुख कंपनी से लाखों रुपये का पैकेज ऑफर हुआ।

लेकिन ऐसा क्या हुआ कि इस शानदार करियर को छोड़कर अभय ने आध्यात्मिक मार्ग को चुन लिया?

Abhay Singh during his IIT Bombay days, aerospace engineering student with high academic performance

इंजीनियरिंग से आध्यात्मिकता तक का सफर

अभय ने अपनी नौकरी के शुरुआती दिनों में ही महसूस किया कि पैसे और सफलता के बावजूद वह मानसिक शांति की कमी महसूस कर रहे थे। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, “पैसा कमाने का लक्ष्य सिर्फ दुनिया की चाहत को पूरा करता है, लेकिन दिल की शांति की तलाश जारी रहती है।” यही वह समय था जब उन्होंने अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण मोड़ को पहचान लिया और आध्यात्मिकता की ओर रुख किया।

प्रेम में धोखा और फिर आत्ममंथन

अभय की जिंदगी में एक और बड़ा मोड़ तब आया जब वह एक रिलेशनशिप में थे। वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ 4 साल तक जुड़े रहे, लेकिन किसी कारणवश वह रिश्ता टूट गया। अभय ने खुलासा किया कि उनका मन इस प्रेम के धोखे से इतना टूट गया था कि उन्होंने न केवल उस रिश्ते को खत्म किया, बल्कि अपने जीवन के बाकी हिस्सों को लेकर भी गंभीरता से विचार करना शुरू किया।

उन्होंने कहा, “मेरे लिए प्यार और शादी के विषय उतने मायने नहीं रखते थे। घर में भी माता-पिता के झगड़े देखकर मैंने सोचा कि अगर यही सब करना है तो अकेले रहना कहीं बेहतर है।”

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महाकुंभ में आईआईटी वाले बाबा की पहचान

महाकुंभ के दौरान, अभय सिंह को एक साधु के रूप में देखा गया और उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोग उन्हें “आईआईटी बॉम्बे वाले बाबा” के नाम से जानने लगे। महाकुंभ में उन्होंने अपनी आध्यात्मिक यात्रा के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें उन्होंने अपने जीवन के संघर्ष और विचारों को साझा किया।

अभय का मानना है कि सिद्धांतों और विज्ञान के जरिए ही वह आध्यात्मिकता को समझ सकते हैं। वह कहते हैं, “सब कुछ शिव है, शिव ही सत्य है और शिव ही सुंदर है।”

Abhay Singh meditating for spiritual growth, leaving behind material life for inner peace

साधु बनने के बाद परिवार से दूरियाँ

अब अभय सिंह पूरी तरह से आध्यात्मिक जीवन जी रहे हैं और उन्होंने अपने परिवार से भी संपर्क तोड़ लिया है। उनके माता-पिता और बहन कई बार उन्हें ढूंढने के लिए प्रयागराज पहुंचे, लेकिन अभय ने उनका नंबर भी ब्लॉक कर दिया था। उनका कहना है, “मुझे इस सामाजिक दायरे से बाहर निकलना बहुत मुश्किल था, लेकिन अब मैं इस मार्ग पर पूरी तरह से समर्पित हूं।”

अभय सिंह की अनदेखी तस्वीरें और पुरानी लाइफ

महाकुंभ से पहले अभय की कुछ पुरानी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर सामने आई थीं, जिसमें वह कॉलेज लाइफ का आनंद लेते हुए अपने दोस्तों के साथ मस्ती कर रहे थे। इन तस्वीरों को देख कर कोई भी यह नहीं मान सकता था कि यही व्यक्ति एक दिन साधु बनेगा।

Abhay Singh with his friends before embarking on his spiritual journey, IITian turned Baba

आध्यात्मिकता का रास्ता और भविष्य

अभय सिंह की आध्यात्मिक यात्रा ने उन्हें उन प्रश्नों के जवाब देने में मदद की जिनका सामना उन्होंने जीवन के हर मोड़ पर किया था। अब वह सत्य की खोज में जुटे हैं और उन्हें लगता है कि यही उनका वास्तविक उद्देश्य है।

अभय का जीवन एक प्रेरणा है, जो यह दिखाता है कि कभी-कभी जीवन में बहुत बड़ी उपलब्धियों के बावजूद, व्यक्ति को आंतरिक शांति की तलाश रहती है। अभय सिंह ने यह साबित किया कि मनोबल और आध्यात्मिक शांति के लिए हमें अपने दिल की सुननी चाहिए, चाहे वह किसी भी रास्ते पर हो।

निष्कर्ष

अभय सिंह की कहानी हमें यह सिखाती है कि सांसारिक मोह और माया से परे जाकर अपनी आत्मा की शांति को पाना सबसे महत्वपूर्ण है। उनकी यात्रा उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो दुनिया के रंग-रूप से परे अपने जीवन में सच्चे उद्देश्य को खोज रहे हैं।

आईआईटी बॉम्बे वाले बाबा अभय सिंह से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)

1. आईआईटी बॉम्बे वाले बाबा अभय सिंह कौन हैं?

अभय सिंह एक युवा आईआईटी बॉम्बे के छात्र थे जिन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने अपनी उच्च वेतन वाली नौकरी और आधुनिक जीवन की भव्यताओं को छोड़कर आध्यात्मिकता की राह अपनाई। वह अब महाकुंभ में एक साधु के रूप में अपनी यात्रा पर हैं।

2. अभय सिंह ने क्यों संन्यास लिया?

अभय सिंह ने अपनी ज़िंदगी में शांति की तलाश के लिए संन्यास लिया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद, उन्हें लगा कि पैसा कमाने से आंतरिक शांति नहीं मिलेगी। प्रेम में धोखा और मानसिक तनाव ने उन्हें आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित किया, और अब वह भगवान शिव की शरण में हैं।

3. क्या अभय सिंह ने आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई की है?

जी हां, अभय सिंह ने आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है। इसके बाद उन्होंने मास्टर डिग्री के लिए डिजाइनिंग भी की और फिर कनाडा में नौकरी की।

4. अभय सिंह के परिवार के बारे में क्या जानकारी है?

अभय सिंह का परिवार हरियाणा के झज्जर जिले से है। उनके पिता कर्ण सिंह एक वकील हैं, और उनका परिवार काफी संपन्न है। अभय के माता-पिता अब भी चाहते हैं कि वह घर लौट आएं, लेकिन अभय ने आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का निर्णय लिया है।

5. अभय सिंह महाकुंभ में क्यों पहुंचे?

अभय सिंह महाकुंभ में अपने आध्यात्मिक अनुभवों और साधु जीवन के बारे में लोगों से बात करने के लिए पहुंचे। उनके जीवन के बदलाव की कहानी ने उन्हें एक लोकप्रिय ‘आईआईटी बाबा’ बना दिया।

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