नवल नागरी बाबा: आर्मी से संत बनने की प्रेरणादायक यात्रा

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(Naval Nagri Baba: From Army Officer to Saint)

नवल नागरी बाबा एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी आध्यात्मिक यात्रा ने उन्हें सैन्य सेवा से दूर कर दिया और वे एक महान संत के रूप में सामने आए। उनका जीवन एक प्रेरणा है, जो हमें यह सिखाता है कि सही मार्गदर्शन और आंतरिक शांति की खोज में कोई भी व्यक्ति अपनी ज़िन्दगी को बदल सकता है।

नवल नागरी बाबा का प्रारंभिक जीवन (Early Life of Naval Nagri Baba)

नवल नागरी बाबा का जन्म पंजाब के पठानकोट में हुआ था। उनके पिता भी भारतीय सेना में अधिकारी थे, और नवल नागरी ने भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए 2008 में भारतीय सेना जॉइन की। उन्होंने अपनी सेवा देश की रक्षा में दी और 2017 तक आर्मी में कार्यरत रहे।

Naval Nagri Baba Image

प्रेमानंद महाराज से मुलाकात (Meeting Premanand Maharaj)

नवल नागरी बाबा की ज़िन्दगी में एक अहम मोड़ 2016 में आया, जब वे अपनी पोस्टिंग के दौरान कारगिल से दिल्ली पहुंचे और फिर वृंदावन में प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए गए। वृंदावन में प्रेमानंद महाराज के प्रवचन सुनने के बाद उनका दिल पूरी तरह बदल गया। बाबा ने महसूस किया कि उन्हें एक नया जीवन जीने की आवश्यकता है — एक ऐसा जीवन जो भक्ति और साधना पर आधारित हो।

आध्यात्मिक मार्ग की शुरुआत (Beginning the Spiritual Path)

प्रेमानंद महाराज से मिलने के बाद नवल नागरी बाबा ने 2017 में सेना से इस्तीफा दे दिया और वृंदावन में अपना जीवन एक साधु के रूप में जीने का निर्णय लिया। उन्होंने प्रेमानंद महाराज के साथ रहने का और उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करने का संकल्प लिया। उनका असली नाम आज भी गुप्त है, लेकिन उनके अनुयायी उन्हें नवल नागरी बाबा के नाम से पहचानते हैं।

नवल नागरी बाबा का संन्यास (Naval Nagri Baba’s Renunciation)

नवल नागरी बाबा का जीवन संन्यास और भक्ति का प्रतीक बन चुका है। वे प्रेमानंद महाराज के साथ रहते हुए उनके प्रवचनों का हिस्सा बने और आश्रम की व्यवस्थाओं में भी मदद करते हैं। उनका जीवन एक सादगी और समर्पण की मिसाल है। उन्होंने न केवल अपने परिवार और दोस्तों के खिलाफ जाकर एक संत का मार्ग चुना, बल्कि उन्होंने यह भी साबित किया कि अगर किसी के जीवन में सही मार्गदर्शन हो, तो वह किसी भी कठिनाई का सामना कर सकता है।

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प्रेमानंद महाराज के साथ जीवन (Life with Premanand Maharaj)

नवल नागरी बाबा आज भी वृंदावन में प्रेमानंद महाराज के साथ रहते हैं और उनका हर कदम उनके मार्गदर्शन में होता है। वे उनके प्रवचनों के दौरान भक्तों के सवालों के उत्तर भी पढ़ते हैं और आश्रम की गतिविधियों को व्यवस्थित करते हैं। उनके जीवन में प्रेमानंद महाराज का एक महत्वपूर्ण स्थान है, और वे हमेशा उनका साया बनकर रहते हैं।

प्रेरणादायक यात्रा (An Inspirational Journey)

नवल नागरी बाबा की यात्रा यह सिद्ध करती है कि जीवन में यदि कोई व्यक्ति सही दिशा में आगे बढ़े और सच्चे गुरु की कृपा प्राप्त हो, तो वह अपने जीवन को पूरी तरह से बदल सकता है। उनका जीवन आज उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है, जो भक्ति, साधना और आत्म-सुधार की ओर अग्रसर हैं।

नवल नागरी बाबा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें (Key Facts About Naval Nagri Baba)

  • प्रेरणा: नवल नागरी बाबा का जीवन प्रेमानंद महाराज से प्रेरित है, जिनके प्रवचन और जीवन दर्शन ने उन्हें संत बनने की दिशा में मार्गदर्शन दिया।
  • सेना से संन्यास: 2017 में नवल नागरी ने सेना से इस्तीफा देकर संन्यास लिया और एक साधु का जीवन अपनाया।
  • आध्यात्मिक योगदान: वे आज वृंदावन में स्थित राधा केलिकुंज आश्रम में प्रेमानंद महाराज के साथ रहते हुए आश्रम की व्यवस्थाएं संभालते हैं।
  • पहली मुलाकात: 2016 में प्रेमानंद महाराज से उनकी पहली मुलाकात ने उनका जीवन पूरी तरह बदल दिया।

नवल नागरी बाबा का संदेश (Message of Naval Nagri Baba)

नवल नागरी बाबा का जीवन यह संदेश देता है कि अगर किसी व्यक्ति के जीवन में सही मार्गदर्शन और गुरु का आशीर्वाद हो, तो वह अपने जीवन को पूरी तरह से बदल सकता है। उनका अनुभव यह सिखाता है कि भक्ति, आत्मसमर्पण और साधना से एक व्यक्ति अपने जीवन में शांति और संतोष प्राप्त कर सकता है।

FAQs About Naval Nagri Baba

  • Q1: Who is Naval Nagri Baba?
    Naval Nagri Baba is a former army officer who left his military career to become a disciple of Premanand Maharaj. He now serves as a saint and spiritual guide at the Radha Kelikunj Ashram in Vrindavan.
  • Q2: Why did Naval Nagri Baba leave the army?
    Naval Nagri Baba left the army in 2017 after being deeply inspired by the teachings of Premanand Maharaj, which led him to choose a spiritual life instead of continuing in his military career.
  • Q3: Where is Naval Nagri Baba from?
    Naval Nagri Baba is originally from Pathankot, Punjab.
  • Q4: What role does Naval Nagri Baba play in the Radha Kelikunj Ashram?
    He manages the arrangements at the Radha Kelikunj Ashram and assists Premanand Maharaj in various activities and services.

Conclusion (निष्कर्ष)

नवल नागरी बाबा की कहानी एक प्रेरणा है, जो हमें यह बताती है कि सच्ची भक्ति और गुरु के मार्गदर्शन से जीवन में बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने अपने जीवन की यात्रा को एक उच्च उद्देश्य के लिए समर्पित किया और आज वह लाखों लोगों के लिए एक आदर्श बन चुके हैं। यदि आप भी आध्यात्मिक शांति की तलाश में हैं, तो नवल नागरी बाबा की यात्रा आपके लिए एक प्रेरणा स्रोत हो सकती है।

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