स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने ‘साधक संजीवनी’ को बताया सबसे सरल और आसान गीता

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आज के समय में भगवद गीता पर अनेक टीकाएँ उपलब्ध हैं, लेकिन स्वामी प्रेमानंद जी महाराज का मानना है कि गीता को सही तरीके से समझने के लिए “साधक संजीवनी” को पढ़ना सबसे सरल और सहज तरीका है। यह टीका स्वामी श्री राम सुखदास जी महाराज द्वारा लिखी गई है और गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित है, जो गीता के गहरे रहस्यों को सरल और समझने योग्य भाषा में प्रस्तुत करती है। आइए जानते हैं इस विशेष टीका के बारे में और क्यों स्वामी प्रेमानंद जी महाराज इसे सबसे उपयुक्त मानते हैं।

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“साधक संजीवनी” की विशेषताएँ: (sadhak sanjivani ramsukhdas ji maharaj)

स्वामी प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि गीता की “साधक संजीवनी” टीका अद्वितीय है, क्योंकि स्वामी श्री राम सुखदास जी महाराज ने शास्त्रों के गहरे रहस्यों को सरल भाषा में स्पष्ट किया है। स्वामी जी महाराज का मानना है कि जब तक जीवन में गीता का सही अर्थ नहीं समझा जाता, तब तक कोई भी गीता की सच्ची टीका नहीं लिख सकता। स्वामी राम सुखदास जी महाराज ने गीता के गहरे रहस्यों को अपने जीवन से अनुभव किया और उन्हीं अनुभवों को अपनी टीका में प्रस्तुत किया है।

स्वामी प्रेमानंद जी महाराज का यह भी कहना है कि “साधक संजीवनी” का अध्ययन न केवल गीता के शास्त्रार्थ को समझने में मदद करता है, बल्कि यह साधक के जीवन को भी रोशन करता है। स्वामी जी ने इसे सरल, सहज और जीवन से जुड़ी हुई टीका बताया है, जो हर भक्त को आसानी से गीता के गहरे अर्थों को समझने में सक्षम बनाती है।

साधक संजीवनी गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित: (sadhak sanjivani gita press)

स्वामी प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, “साधक संजीवनी” की विशेषता यह है कि इसे गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित किया गया है, जो भारतीय संस्कृति और वेदांत के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने के लिए प्रसिद्ध है। गीता प्रेस की प्रकाशन गुणवत्ता और संपादकीय दृष्टिकोण ने इसे पाठकों के बीच बेहद लोकप्रिय और विश्वसनीय बना दिया है। इस टीका में गीता के शास्त्रार्थ को एक ऐसी सरलता से प्रस्तुत किया गया है, जो इसे हर साधक के लिए सुलभ बनाती है।

sadhak sanjivani pdf

गीता का सही अर्थ समझने का सरल मार्ग:

स्वामी प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि “साधक संजीवनी” की टीका पढ़ने से गीता के वास्तविक अर्थ को जीवन में उतारने का रास्ता साफ हो जाता है।स्वामी श्री राम सुखदास जी महाराज ने शास्त्रों के गहरे रहस्यों को साधारण भक्तों के लिए सुलभ बना दिया है। अन्य टीकाओं की तुलना में यह टीका सीधी, स्पष्ट और समझने में आसान है। इससे गीता के गहरे अर्थ को जानने के लिए किसी भी जटिलता का सामना नहीं करना पड़ता। स्वामी जी यह भी कहते हैं कि गीता का सही रूप में अध्ययन केवल किताबों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उसे जीवन में उतारना भी जरूरी है। जब तक गीता को अपने आचरण में न लाया जाए, तब तक उसकी सच्चाई का अनुभव नहीं हो सकता।

डाउनलोड करें ‘साधक संजीवनी PDF’ – स्वामी राम सुखदास जी द्वारा

स्वामी प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, “साधक संजीवनी” गीता के सही अर्थ को समझने का सबसे सरल और प्रभावी उपाय है। अब आप इस महत्वपूर्ण टीका को सीधे डाउनलोड कर सकते हैं और गीता के गहरे संदेश को अपने जीवन में उतार सकते हैं। यह पुस्तक आपको गीता के शास्त्रार्थ को समझने के मार्ग को और भी सहज और स्पष्ट बना देगी।

FAQ

‘साधक संजीवनी’ स्वामी राम सुखदास जी द्वारा लिखी गई गीता की सरल और स्पष्ट व्याख्या है। इसे गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित किया गया है। आप इसे गीता प्रेस की वेबसाइट से मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं।

स्वामी राम सुखदास जी ने ‘साधक संजीवनी’ में गीता के गहरे और दार्शनिक अर्थों को बहुत ही सरल भाषा में समझाया है। यह टीका गीता के शास्त्रार्थ को आत्मसात करने का सबसे सहज और प्रभावी तरीका है।

जी हाँ, ‘Sadhak Sanjivani’ अन्य गीता टीकाओं से अलग है क्योंकि यह गीता के शास्त्रार्थ को अत्यंत सरल और जीवन से जुड़ी भाषा में प्रस्तुत करती है। स्वामी राम सुखदास जी ने इसे इस तरह लिखा है कि कोई भी साधक इसे आसानी से समझ सके।

‘Sadhak Sanjivani’ को गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित किया गया है, जो भारतीय संस्कृति और वेदांत के प्रचार-प्रसार के लिए प्रसिद्ध है। गीता प्रेस की गुणवत्ता और विश्वसनीयता ने इसे पाठकों के बीच लोकप्रिय और प्रामाणिक बनाया है।

‘साधक संजीवनी’ गीता के शास्त्रार्थ को समझने के बाद साधक का जीवन जागृत होता है। यह टीका न केवल गीता के गहरे संदेश को समझने में मदद करती है, बल्कि उसे जीवन में लागू करने के सरल उपाय भी देती है।

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