YouTubers शिवम मलिक और RealHit Team ने स्वामी प्रेमानंद जी महाराज से क्या सवाल किए? जानिए पूरी बातचीत

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अखिल भारतीय प्रसिद्ध यूट्यूबर शिवम मलिक और RealHit Team ने हाल ही में स्वामी प्रेमानंद जी महाराज से मिलने का अवसर प्राप्त किया। इस मुलाकात के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण सवाल किए, जो न केवल उनके दर्शकों, बल्कि आम जनता के लिए भी प्रेरणादायक साबित हो सकते हैं। इस बातचीत में स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने अपने गहरे आध्यात्मिक अनुभवों, जीवन दर्शन, और भगवान के प्रति समर्पण पर कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा की। आइए जानते हैं, इस अद्भुत वार्ता में क्या कुछ खास हुआ।

स्वामी प्रेमानंद जी महाराज से मुलाकात: एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव

स्वामी प्रेमानंद जी महाराज के साथ इस मुलाकात ने न केवल यूट्यूबर्स को, बल्कि सभी दर्शकों को गहरे आध्यात्मिक विचारों से प्रभावित किया। इस वार्ता में स्वामी जी ने भक्ति, कर्म, और जीवन के वास्तविक उद्देश्य पर गहरी बातें साझा कीं। शिवम मलिक और RealHit Team ने उनके साथ अपनी आध्यात्मिक यात्रा के बारे में बात की और महाराज जी से कुछ प्रश्न पूछे जो उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़ी थीं।

YouTubers शिवम मलिक और RealHit Team स्वामी प्रेमानंद जी महाराज की मुलाकात

नाम जप और मानसिक शांति: शिवम मलिक का सवाल और स्वामी जी का उत्तर

शिवम मलिक ने स्वामी प्रेमानंद जी से पूछा कि उनकी वीडियो से प्रेरित होकर वे नाम जप करते हैं, जिससे उनका मन शांत होता है और वह अच्छा महसूस करते हैं। स्वामी जी ने इसका उत्तर देते हुए कहा, “नाम जप से आत्मा को शांति मिलती है, क्योंकि यह हमारे भीतर के शोर को शांत करता है। लेकिन, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें अपने कार्यों को ईश्वर को समर्पित करना चाहिए। हमें फल की चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जो भी होता है, वह हमारे सर्वोत्तम के लिए होता है।”

समान भाव का जीवन दर्शन: स्वामी जी की महत्वपूर्ण शिक्षाएँ

स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने जीवन में समान भाव बनाए रखने की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने बताया, “जब हम किसी काम में अपना प्रयत्न करते हैं और उसे भगवान को समर्पित करते हैं, तो फल में समान भाव रखना चाहिए।” उन्होंने यह भी उदाहरण दिया कि सुख-दुःख, लाभ-हानि, जय-पराजय में यदि हम भगवान की कृपा मानते हुए समान भाव रखते हैं, तो हमारी आध्यात्मिक यात्रा में संतुलन और शांति बनी रहती है।

उन्होंने एक मंत्री की कथा सुनाई, जिसने शिकार खेलते वक्त अंगूठा कटने पर भगवान की कृपा मानी। मंत्री ने कहा, “यदि अंगूठा न कटता, तो मेरी जान चली जाती,” और यही भगवान की कृपा का रूप था।

क्या हर मंदिर में जाना जरूरी है? भगवान का रूप और उसकी एकता

यूट्यूबर शिवम मलिक ने सवाल किया कि क्या किसी विशेष मंदिर में जाना जरूरी है या भगवान का रूप हर जगह एक ही है। इस पर स्वामी जी ने स्पष्ट किया कि भगवान का रूप अलग-अलग हो सकता है, लेकिन परमात्मा एक ही है। उन्होंने उदाहरण दिया, “जैसे एक विद्युत शक्ति से सभी उपकरण चलते हैं, वैसे ही भगवान के रूप अनेक हो सकते हैं, लेकिन मूल शक्ति, या परमात्मा, वही है।”

स्वामी प्रेमानंद जी का संदेश: भगवान के प्रति समर्पण और जीवन में संतुलन

स्वामी जी ने यह भी बताया कि जीवन में हमें ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण रखना चाहिए। चाहे हम किसी भी कार्य में लगे हों, उसमें भगवान का नाम लेकर उस कार्य को पवित्र करना चाहिए। स्वामी जी के अनुसार, इस समर्पण से जीवन में सुख और शांति आएगी, क्योंकि समर्पण से कोई भी कार्य ‘धर्म’ बन जाता है।

स्वास्थ्य की कठिनाइयाँ और भगवान की कृपा: स्वामी जी का जीवन दृष्टिकोण

स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने अपनी किडनी की बीमारी का उल्लेख करते हुए कहा कि जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, लेकिन आध्यात्मिक दृष्टिकोण से हर मुश्किल के पीछे भगवान की योजना होती है। उनका कहना था, “हमारा कर्तव्य सिर्फ अपना प्रयास करना है, लेकिन फल ईश्वर के हाथ में होता है।” स्वामी जी ने यह समझाया कि जब भी जीवन में संकट आए, हमें विश्वास रखना चाहिए कि यह हमारे सर्वोत्तम के लिए हो रहा है।

धर्म, सेवा, और लक्ष्य: जीवन में संतुलन का महत्व

अंत में, स्वामी जी ने यह महत्वपूर्ण संदेश दिया कि संसार के प्रति हमारे दृष्टिकोण को संतुलित करना चाहिए। यदि हम अपनी जिंदगी में धर्म और सेवा को प्राथमिकता दें और दूसरों के भले के लिए काम करें, तो हमें जीवन के हर पहलू में सच्चा सुख मिलेगा। स्वामी जी ने कहा, “संतुलन बनाए रखें, अपने कार्यों को भगवान के प्रति समर्पित करें, और जीवन को सही दिशा में मार्गदर्शन करें।”


निष्कर्ष

स्वामी प्रेमानंद जी महाराज के साथ इस अद्भुत बातचीत ने हमें यह सिखाया कि जीवन में हर परिस्थिति में ईश्वर का ध्यान रखना चाहिए, और समान भाव के साथ अपने कर्तव्यों को निभाना चाहिए। स्वामी जी का जीवन और उनकी शिक्षाएं हमें यह समझने में मदद करती हैं कि सच्ची भक्ति और ईश्वर का समर्पण ही जीवन का उद्देश्य है।

यूट्यूब चैनल के माध्यम से किए गए इस संवाद ने धार्मिक दृष्टिकोण को नया मोड़ दिया है और हर व्यक्ति को अपने जीवन में आध्यात्मिकता को महत्व देने का संदेश दिया है।

आइए, हम भी स्वामी प्रेमानंद जी महाराज की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारें और अपने कर्मों को भगवान के प्रति समर्पित करें, ताकि हमारा जीवन एक सच्ची साधना और भक्ति का रूप ले सके।

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