श्री श्री रविशंकर (जन्म: 13 मई 1956) एक विश्वप्रसिद्ध भारतीय गुरु, योगाचार्य और मानवता के अग्रदूत हैं। वे “आर्ट ऑफ लिविंग” फाउंडेशन के संस्थापक और सुदर्शन क्रिया के आविष्कारक हैं। श्री श्री रविशंकर ने अपने जीवन में तनावमुक्त, अहिंसा और मानवता के सिद्धांतों को फैलाया और लाखों लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाया।

श्री श्री रविशंकर का प्रारंभिक जीवन
श्री श्री रविशंकर का जन्म 13 मई 1956 को तमिलनाडु के पापनासम में हुआ। उनका नाम रवि रखा गया क्योंकि उनका जन्म रविवार को हुआ था और शंकर नाम उनके दार्शनिक गुरु, आदि शंकराचार्य के सम्मान में रखा गया। उनका प्रारंभिक जीवन साधना और अध्ययन में बीता। वे बचपन से ही अध्यात्मिक प्रवृत्तियों में रुचि रखते थे और महात्मा गांधी के निकट सहयोगी रहे सुधाकर चतुर्वेदी से संस्कृत और वेद शास्त्रों का अध्ययन किया।
शिक्षा और आध्यात्मिक यात्रा
श्री श्री रविशंकर ने बैंगलोर विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ साइंस (B.Sc.) की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वे महर्षि महेश योगी के शिष्य बने और ट्रांसेंडैंटल मेडिटेशन (TM) की तकनीक को सीखा। 1981 में, उन्होंने अपनी आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन की स्थापना की, जो अब दुनिया भर में तनाव और हिंसा से मुक्ति पाने के लिए कार्य कर रही है।
सुदर्शन क्रिया: एक दिव्य आविष्कार
1982 में श्री श्री रविशंकर ने एक 10 दिन की मौन साधना की थी, जिसके दौरान उन्होंने सुदर्शन क्रिया नामक प्राणायाम तकनीक की खोज की। यह तकनीक आज आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रमों का मुख्य हिस्सा है और यह मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य और भावनात्मक साक्षात्कार में सहायक सिद्ध हुई है।
आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन की स्थापना
आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन की स्थापना के बाद, श्री श्री रविशंकर ने दुनिया भर में अपनी शिक्षा और क्रियाओं को फैलाना शुरू किया। 1983 में उन्होंने स्विट्ज़रलैंड में पहला आर्ट ऑफ लिविंग कोर्स आयोजित किया और 1986 में अमेरिका के एप्पल वैली में अपनी शिक्षा दी। उनकी जीवनशैली, ध्यान, और प्राणायाम तकनीकें लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लेकर आईं।
श्री श्री रविशंकर और प्रधानमंत्री मोदी का संबंध
श्री श्री रविशंकर का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गहरा संबंध है। प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा श्री श्री रविशंकर के कार्यक्रमों और विचारों का समर्थन किया है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके कई आध्यात्मिक और सामाजिक परियोजनाओं पर काम किया गया है, जिनमें आधुनिक योग और नमामि गंगे परियोजना शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा भी की, जो श्री श्री रविशंकर के योगदान को मान्यता प्रदान करता है।
श्री श्री रविशंकर का मानवता के लिए योगदान
- शांति प्रयास और संघर्ष समाधान: श्री श्री रविशंकर ने दुनिया भर के विभिन्न युद्ध क्षेत्रों में शांति की पहल की। उन्होंने इराक, अफगानिस्तान, श्रीलंका, कोसोवो और मध्यपूर्व देशों में संघर्षों को समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। इसके अलावा, उन्होंने भारत में कश्मीर, मणिपुर और बिहार जैसे स्थानों में भी शांति प्रयास किए।
- आध्यात्मिक शिक्षा: उनके कार्यक्रम जैसे YES!+ (Young Empowered Society) और हमें एक परिवार की तरह जीना है ने लाखों लोगों को सकारात्मक दृष्टिकोण और मानसिक शांति प्राप्त करने में मदद की है।
- प्राकृतिक संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा: श्री श्री रविशंकर ने पृथ्वी की सुरक्षा और जल संरक्षण के लिए कई अभियान चलाए हैं। आर्ट ऑफ लिविंग के स्वयंसेवक 100 मिलियन से अधिक पेड़ लगा चुके हैं और कई जल निकायों की पुनर्जीवन में योगदान कर चुके हैं।
- आध्यात्मिक और मानवीय कार्य: उनकी संस्था ने मानवाधिकार और मानव मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रमों की शुरुआत की है। उन्होंने मानवाधिकार की दिशा में जागरूकता फैलाने के लिए आईएएचवी (International Association for Human Values) की स्थापना की।
श्री श्री रविशंकर की प्रमुख शिक्षाएँ
- आध्यात्मिकता हर व्यक्ति का अधिकार है – श्री श्री रविशंकर का मानना है कि आध्यात्मिकता किसी एक धर्म या संस्कृति से नहीं जुड़ी है, यह सभी के लिए खुली हुई है। वे हमेशा यह कहते हैं कि आध्यात्मिकता से जीवन में प्रेम, सहानुभूति और उत्साह आता है।
- सुदर्शन क्रिया – यह श्वास की एक विशेष तकनीक है जो शरीर और मस्तिष्क के बीच संबंध को सुदृढ़ करती है, और मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है।
- सेवा ही धर्म है – श्री श्री रविशंकर का कहना है कि आध्यात्मिक जीवन का मुख्य उद्देश्य दूसरों की सेवा करना और समाज में सकारात्मक योगदान देना है।
पुरस्कार और सम्मान
श्री श्री रविशंकर को उनके वैश्विक योगदान के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया है। इसके अलावा, उन्हें कई देशों से सर्वोच्च नागरिक सम्मान और आध्यात्मिक नेता के रूप में मान्यता मिली है।
निष्कर्ष
श्री श्री रविशंकर का जीवन एक प्रेरणा है। उनके द्वारा चलाए गए कार्यों ने लाखों लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। उन्होंने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में शांति और सद्भावना का संदेश फैलाया है। उनके मार्गदर्शन में लाखों लोग मानसिक शांति, शारीरिक ताजगी और जीवन में एक नई दिशा पा चुके हैं।
FAQs About Shri Shri Ravi Shankar
1. श्री श्री रविशंकर कौन हैं?
श्री श्री रविशंकर एक प्रसिद्ध भारतीय गुरु, योगी और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वे आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक हैं और सुदर्शन क्रिया के आविष्कारक भी हैं। उन्होंने दुनिया भर में शांति, सद्भाव और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रमों की शुरुआत की।
2. आर्ट ऑफ लिविंग क्या है?
आर्ट ऑफ लिविंग एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो श्री श्री रविशंकर द्वारा 1981 में स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, तनाव मुक्ति और जीवन के बेहतर तरीके से जीने के लिए प्रशिक्षित करना है। संगठन के कई कार्यक्रम हैं, जिनमें सुदर्शन क्रिया मुख्य रूप से शामिल है।
3. सुदर्शन क्रिया क्या है?
सुदर्शन क्रिया एक शक्तिशाली श्वास तकनीक है, जिसे श्री श्री रविशंकर ने 1982 में विकसित किया था। यह श्वास के नियंत्रण के माध्यम से मानसिक और शारीरिक शांति को प्राप्त करने का एक तरीका है। इसे आर्ट ऑफ लिविंग के पाठ्यक्रमों में सिखाया जाता है।
4. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का श्री श्री रविशंकर के साथ क्या संबंध है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्री श्री रविशंकर के बीच गहरी मित्रता है। पीएम मोदी ने श्री श्री के कई कार्यों को समर्थन दिया है, जैसे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रचार, उर्वरक में नीम कोटिंग की अनिवार्यता, और गांवों के लिए ‘अडॉप्ट-ए-विलेज’ योजना।
5. श्री श्री रविशंकर ने कितनी देशों में कार्य किए हैं?
श्री श्री रविशंकर ने 180 से अधिक देशों में अपनी गतिविधियाँ फैलाई हैं। उनका उद्देश्य दुनिया भर में तनाव-मुक्त और हिंसा-मुक्त समाज का निर्माण करना है। वे नियमित रूप से विभिन्न देशों में शांति और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए यात्रा करते हैं।