वृंदावन में प्रसिद्ध प्रेमानंद महाराज के साथ हमेशा रहने वाले उनके शिष्यों की अनकही कहानियाँ। आइए, जानते हैं इनके बारे में!
प्रेमानंद महाराज, वृंदावन के एक जाने-माने संत हैं, जिन्होंने लाखों लोगों के जीवन को अपने उपदेशों से बदला। लेकिन क्या आप जानते हैं, उनके पास जो शिष्य हमेशा उनके साथ रहते हैं, उनके बारे में?
प्रेमानंद महाराज: वृंदावन का प्रसिद्ध संत
मूल रूप से पंजाब के पाठनकोट के निवासी नवनागरी बाबा जी पहले भारतीय सेना में थे। 2017 में प्रेमानंद महाराज के उपदेशों से प्रेरित होकर उन्होंने अपना सैन्य जीवन छोड़कर संन्यास लेने का निर्णय लिया।
नवनागरी बाबा जी
नवनागरी बाबा जी ने महाराज जी के उपदेशों से प्रेरित होकर अपनी नौकरी छोड़ दी और संन्यासी बन गए। अब वे महाराज जी की सेवा में वृंदावन के आश्रम में रहते हैं।
महाराज जी से प्रेरणा लेकर बदली ज़िन्दगी
महामधुरी बाबा जी पीलीभीत के निवासी थे और पहले एक सहायक प्रोफेसर थे। महाराज जी से पहली बार मिलने के बाद, उन्होंने अपना शैक्षिक करियर छोड़कर भक्ति के मार्ग पर चलने का निर्णय लिया।
महामधुरी बाबा जी
महामधुरी बाबा जी को महाराज जी का आशीर्वाद मिला और उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी। अब वे वृंदावन में महाराज जी के साथ साधु जीवन जीते हुए उनकी सेवा कर रहे हैं।
प्रोफेसर से साधु बनने तक की अद्भुत यात्रा
श्याम सुखदानी बाबा जी, जो सोनीपत (हरियाणा) के निवासी थे, पहले एक इंजीनियर थे। बैंगलोर और गुड़गांव में जॉब करने के बाद, उन्होंने महाराज जी के दर्शन किए और अपने जीवन का उद्देश्य पाया। अब वे गुरु सेवा में जीवन बिता रहे हैं।
श्याम सुखदानी बाबा जी
आनंदप्रसाद बाबा जी दिल्ली के रहने वाले थे और उनका खुद का फुटवियर्स बिजनेस था। 2018 में महाराज जी का उपदेश सुनने के बाद, उन्होंने अपना व्यवसाय छोड़ दिया और वृंदावन आकर गुरु सेवा करने का निर्णय लिया।
आनंदप्रसाद बाबा जी
इन शिष्यों की कहानियाँ भक्ति और समर्पण की सजीव मिसाल हैं। अगर आप इनकी यात्रा और प्रेमानंद महाराज के उपदेशों के बारे में और जानना चाहते हैं, तो जुड़े रहें हमारे साथ!
प्रेमानंद महाराज के शिष्यों की अनकही कहानियाँ!